सम्यग् दर्शन जीवन के सत्य को समझने का मार्ग है । सम्यक् अर्थात् सत्य एवं दर्शन अर्थात् बोधि, बोध । सत्य बोध से ही परम सत्य तक पहुँचा जा सकता है । सम्यक् दर्शन परम सत्य को पाने का प्रथम कदम है । इसको बोधि, समकित, सम्यक् दृष्टि आदि कहा है । तत्त्वरुचि भी सम्यग् दर्शन है । महावीर का मार्ग है और उससे जीवन में क्रांति आती है ।